बुधवार, 12 मई 2010


“हॉउस फुल एंड बदमाश कम्पनी इज ए हिट” और जहाँ तक हम सभी जानते हैं इन फिल्मों के हिट होने में इनके हीरो -हिरोइन के इश्क की झूठी अफवाहों का कोई योगदान नहीं । दोनों ही फिल्मों में ज़रूरत के हिसाब से सटीक और कसावदार स्टोरी, डायलाग, निर्देशन और अभिनय के कमाल ने दर्शकों के दिल में कुछ ऐसा धमाल मचाया कि दोनों फिल्मों ने इस साल की सुपर-डुपर हिट फिल्मों की श्रेणी में अपना स्थान सुनिश्चित कर लिया।क्या इन फिल्मों की सफलता “लव स्टोरी २०५०”, “किस्मत कनेक्शन” जैसी फ्लॉप फिल्मों के निर्माता-निर्देशकों को सफल फिल्मों के रास्ते का सही दिशा ज्ञान दे पायेगी?? कुछ फ़िल्मकार फिल्म की रिलीज़ से पहले हीरो-हिरोइन के इश्क़ के चर्चों को hi फिल्म की सफलता मज़बूत करनेवाला एक कलपुर्जा मानते हैं.. लेकिन ये तो संभव है कि हीरो हिरोएँ के इश्क के चर्चे किसी अख़बार या पत्रिका कि साल्स बाधा दे पर करोड़ों कि लगत से बनानेवाली फिल्मों को दर्शक यूँ ही सुपर हित होता
आम जनता की जिंदगी में कोई रस नहीं है। इसीलिए वह इस तरह की अफवाहों में रुचि लेती है।
यह बीमारी हमारे यहाँ विदेशों से आई है। वहाँ भी जब कोई फिल्म बन रही होती है, तभी से प्रचार विभाग के कल्पनाकार अफवाहें उड़ाने लगते हैं। इन अफवाहों का पैटर्न यही होता है कि फलाँ हीरो, फलाँ हीरोइन के साथ अमुक जगह पर देखा गया और ज़रूर इनके बीच कुछ पक रहा है। इन अफवाहों का आधार होता है कि अमुक फिल्म में दोनों काम कर रहे हैं और वहीं सेट पर दोनों की दोस्ती हुई। आप गौर करेंगे तो पाएँगे कि फिल्म पत्रिकाओं के मुताबिक जब भी कोई हीरो, किसी हीरोइन के साथ कोई फिल्म कर रहा था, उस दौरान दोनों के बीच इश्क भी पनप रहा था। हरमन बावेजा और प्रियंका चोपड़ा को लेकर भी यही कहा गया था। shahid kapoor और प्रियंका को लेकर भी यही कहा गया। सो, प्रचार के लिए इससे सस्ता कुछ हो ही नहीं सकता। अगर किसी पत्रिका या अखबार में फिल्म का विज्ञापन देना हो तो सेंटीमीटर के हिसाब से जगह खरीदनी पड़ती है, मगर इस तरह मुफ्त में ही करोड़ों का प्रचार हो जाता है। इन अफवाहों को फैलाने के लिए एजेंसियाँ हैं और ये एजेंसियाँ उन पत्रकारों को उपकृत करती हैं, जो ऐसी अफवाहें छापते हैं या उन्हें छपवाने की व्यवस्था करते हैं।असल बात तो यह है कि "काइट्स" के सेट पर प्यार नहीं, झगड़ा चलता रहता है। वह भी निर्माता निर्देशक के बीच। हमेशा सेट पर रहने वाले फिल्म के निर्माता राकेश रोशन फिल्म के निर्देशक अनुराग बसु को सुझाव और सलाहें देते रहते हैं। पिछले दिनों फिल्म से दो गीत भी निकाल दिए। दोनों के बीच खटपट चलती ही रहती है। बसु अपने मन का काम करने के लिए आज़ादी चाहते हैं, जो राकेश रोशन देते नहीं हैं। बहरहाल, फिल्म के पोस्टर जारी हो गए हैं और पोस्टर बेहद आकर्षक हैं। देखना है "काइट" आसमान देखती है या उड़ते ही कटकर ज़मीन पर गिरती है।

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