शनिवार, 25 जनवरी 2014

अपने बच्चों का भी नाम रोशन किया इन्होने..

"बधाई हो कुल का चिरा पैदा हुआ है".... "अरे आपका बच्चा तो बड़ा समझदार है ये ज़रूर माँ-बाप का नाम रोशन करेगा"..... ऐसे जुमले और बधाइयाँ अपने भी सुनी और दी होंगी॥ मगर क्या ये बातें हमेशा सच होती हैं॥ क्या सिर्फ़ बच्चे ही माँ-बाप का नाम रोशन करते हैं?? अगर ये बात आपको सही लगती है तो ज़रा इन् नामों पर गौर फरमाइए महात्मा गाँधी, किरण बेदी, लाल बहादुर शास्त्री, हेमा मालिनी, राजेंद्र कुमार, देव आनंद, डिम्पल कपाडिया और राजेश खन्ना॥ उदहारण देने के लिए नाम और भी हैं जोकि इस बात को सिरे से नकारते हैं की सिर्फ़ बच्चे ही माता-पिता नाम रोशन करते हैं॥ जबकि तस्वीर का दूसरा पहलु ये भी कहता है की कुछ माता-पिता भी गुंणों की ऐसी पारसमणि लेकर पैदा होते हैं जिसकी चमक आने वाली कई पुश्तों का नाम रोशन करती है॥

चलिए बात शुरू करते हैं राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी से, जिनके बारे में मैं दावे के साथ कह सकती हूँ की दुनिया भर में शायद ही कोई ऐसा बदकिस्मत देश हो जिसके लोगों ने अहिंसा के इस पुजारी का नाम न सुना हो॥ और ये बात भी मैं दावे के साथ कह सकती हूँ की अपने ही देश में शायद चंद ही ऐसे खुशकिस्मत लोग होंगे जिन्होंने बापू के चारों बेटों के नाम सुने होंगे॥ हीरालाल, मणिलाल, रामदास और सबसे छोटा देवदास, ये वो नाम हैं जो तभी चमकते हैं जब इनके साथ मोहनदास गाँधी लिखा हो॥ जी हाँ ये चारों हमारे राष्ट्र पिता की संतानों के नाम हैं॥

चलिए आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं "जय जवान जय किसान" का अमर नारा देने वाले भारत के तीसरे प्रधानमंत्री यानि श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की॥ जिनका नाम सुनके आज भी हम सबकी आंखे आदर से झुक जाती हैं उनके सुपुत्र अनिल और सुनील शास्त्री॥ देशवासियों को इनसे मुखातिब होने का मौका शास्त्री जी की पुण्य तिथि पर ही मिलता होगा॥ इसके बाद बात करते हैं भारत की प्रथम महिला आईपीएस अधिकारी डॉ किरण बेदी॥ जिन्हें मिली सफलता और अवार्ड्स की लिस्ट बनाने बैठो तो ये एक लेख भी कम पड़ जाएगा॥ आज किरण को देश का हर बच्चा, जवान जानता है मगर उनकी सुपुत्री साइना का नाम बच्चे तो छोडिये शायद बड़े भी नही जानते होंगे॥

चलिए अब थोडी सी करवट लेते हैं और देखते हैं की फ़िल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों मैं से किस-किस ने अपने नौनिहालों का नाम रोशन किया है॥ सबसे पहले मुझे नाम याद आ रहा है ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी का॥ जिनकी बड़ी बेटी ईशा देओल के कपडे ज़्यादा छोटे हैं या उनकी फिल्मों की बॉक्स ऑफिस कोल्लेक्शन ये कहना ज़रा मुश्किल काम है॥ जबकि वहीँ दूसरी तरफ़ हेमा हैं की उम्र में ६० का आंकडा छूने के बावजूद भी अपने दर्शकों के सपनो में आना नही छोड़ा उन्होंने॥ देव आनंद साहब के साहबजादे सुनील आनंद को शायद राशन कार्ड दफ्तर या पासपोर्ट ऑफिस के लोग भी नहीं पहचानते होंगे॥ डिम्पल और राजेश खन्ना की बेटियाँ ट्विंकल और रिंकी खन्नाको भी वि.आई.पी का दर्जा पाने के लिए अपने माता-पिता के ही नाम का सहारा है॥ इस कड़ी में एक और ख़ास नाम मैं ज़रूर लेना चाहूंगी वो है अपने ज़माने में "जुबली कुमार" के नाम से मशहूर रहे राजेंद्र कुमार॥ जिनके सुपत्र कुमार गौरव ने पिता से उलट दिशा में जाके बतौर सुपर फ्लॉप हीरो इतिहास रचा॥ ऐसे ही मनोज कुमार, माला सिन्हा, वैजन्ती माला, राज कुमार, प्रेम नाथ, महमूद और प्राण॥ ऐसे कितने ही नाम हैं जिन्होंने अपने बच्चों के पैदा होने पर "कुल का चिराग पैदा हुआ है" ये बधाइयाँ तो बहुत बटोरी होंगी मगर उस वक़त शायद उन्हें भी इस बात का अनुमान नही होगा की आने वाली कई पुश्तों के नाम को अपने से ज़यादा उनके नाम की रोशनी का इस्तेमाल करना पड़ेगा॥ शायद किसी ने सच ही कहा है.....

किस्मत बनानेवाले तुने कमी न की, अब किसको क्या मिला मुकद्दर की बात है......

4 टिप्‍पणियां:

  1. बच्चों ने कुल का नाम रौशन करने के बजाय इन बच्चों के नाम उनके माता-पिता ने रौशन कर रखे हैं. यह तो उलट ही गंगा बह निकली :)

    आपके सोचने का नजरिया अनन्य है, लिखती रहें.

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  2. buddy, gr8piece of thoughts.i like the way yu dig the history and relate it to the present and future.

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  3. आपका प्रयास सराहनीय है......... ढेरो मंगलकामनाएं............

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  4. आपका प्रयास सराहनीय है...... ढेरोँ मंगलकामनाएं.............

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