मंगलवार, 21 जुलाई 2009

जम्मू कश्मीर पुलिस-कौन सुने फरियाद??

कहते है की कुरुक्षेत्र में श्रीमद्भागवत गीता का उपदेश देते हुए भगवन श्री क्रिशन ने कहा था की कलियुग में गाय, ब्राह्मण और देवताओं का सम्मान और इनपर लोगों की आस्था ख़तम हो जायेगी।
पर लगता है कलियुग की काली छाया अब पुलिस महकमें पर भी पड़ने लगी है। जिसका जीता-जगता सबूत है शोपियां (जम्मू-कश्मीर) में हुए दोहरे बलात्कार और खून की वारदात के बाद वहां हुई पुलिस-अधिकारीयों की गिरफतारी।
हैरत की बात है की जिस पुलिस महकमें का काम बेबस और अत्याचार के सताए लोगों की फरियाद सुनना है वही पुलिस जब ख़ुद बेबसी के चक्रव्यूह में फँस जाए तो वो अपनी गुहार कहाँ लगाये ??
क्या गुस्से में बौखलाई जनता या यूँ कहें की चंद मतलबपरस्त लोगों की शातिर चाल का मोहरा बनी जनता-जनार्दन की आँखों में पट्टी बांधने केलिए ये कदम उठाये गए हैं या फिर अपना उल्लू सीधा करने केलिए कोई ठोस कारवाही की घोषणा को सच साबित करने के लिए प्रशासन ने ये कदम उठाये हैं??
शोपियां की तस्वीर का दूसरा पहलू नीचे दिए लिंक पर लिखे पोस्ट से उजागर होता है....

http://kashmir-timemachine.blogspot.com/2009/07/satya-mev-jyate.html

3 टिप्‍पणियां:

  1. कलियुग की काली छाया तो नही लेकिन , काली करतूत की छाया जरूर है

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  2. shopian ek sabak hai administration ar police keliye taki wo log janta ki bebasi ko samjhein. jab log unke atyacaron ka shikar hote hain tab unhe kaisa lagta hai.

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