शनिवार, 24 सितंबर 2016

Uri Attack, भारत की pseudo secular रुदालियाँ और पाकिस्तानी कलाकार

पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करने पर बवाल करने वालों की हालत देख लगता है कि झूठी वाह-वाही पाने की चाहत कैसे लोगों के आत्म-सम्मान तक को जंग लगा देती है|
#UriAttack के शहीदों की चिता की राख ठण्डी न हुई थी कि हमें hypocrite पाकिस्तानी कलाकार अच्छे लगने लगे, कोई बड़ी बात नहीं कि उन शहीदों की अन्तिम क्रिया पूरी होने तक हमें नवाज़ शरीफ़ भी एक मजबूर, बेबस प्रधानमंत्री लगने लगे, फिर उन 18 शहीदों की बरसी होते-होते हम फिर से आतंकवादी हाफिज़ सईद के नाम के साथ "जी" लगाना शुरू कर दें, और साथ ही हमारी बरखाओं और अरुन्धतियों के नाम फिर से खुल्लम-खुल्ला पाकिस्तानी आतंकवादियों के दुआ-सलाम और न्योते आने शुरू हो जाये...
क्योंकि हम Secular हैं - वाह-वाह वाह-वाह, क्योंकि बुरहान वानी एक ग़रीब स्कूल मास्टर का अमनपसन्द बेटा था - वाह-वाह वाह-वाह, क्योंकि चंद पाकिस्तानी कलाकारों के #ParisAttack पर घड़ियाली आंसू बहाने और #UriAttack पर मुरदापरस्त चुप्पी के बावजूद हम उन्हें सिर-आँखों पर बैठाते रहेंगे - वाह-वाह वाह-वाह... #सैनिक तो एक शहीद होगा, हज़ार मिल जायेंगे पर #पाकिस्तानी_कलाकार ................... वाह-वाह वाह-वाह.......
अरे-अरे मुझे अपनी बात तो पूरी करने दो पहले ही "वाह-वाह वाह-वाह" शुरू कर दी............ वाह-वाह वाह-वाह, वाह-वाह वाह-वाह
और अब जाते-जाते आज की खरी-खरी - 
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में दुर्गा पूजा बैन पर चुप्पी और पाकिस्तानी कलाकारों के बैन पर बवाल होता है

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